Love Shayari /Poetry "क्या हम जी पायेंगे ?"_Ankit AKP/Hindi 2018
जहर का घूँट ये, कहाँ पी पायेंगे
तुझसे दूर भला, हम कैसे जी पायेंगे
हाँथ थामकर हाँथ छुड़ाया था तुमने
अब कैसे भला कोई और, ये हाँथ थाम पायेंगे
वादा किया जो, वो ताेड़ा था तुमने
अब कैसे किसी और पे, हम विश्वास जता पायेंगे
तेरा-मेरा साथ ज़िन्दगी भर का साथ है, ये कहा था तुमने
अब तेरे बिना, हम खुद के साथ भी कैसे रह पायेंगे
तेरे पैरों की वो आहटें, तेरे डुपट्टे की वो सरसराहटें
इन्हीं से तो हमारी सुबह-ओ-शाम थी
इनके बिना अब कैसे हम, अपने हर लम्हें यादगार बना पायेंगे
अब तुम्ही बताओ क्या हम जी पायेंगे ?
तुझसे दूर भला, हम कैसे जी पायेंगे
हाँथ थामकर हाँथ छुड़ाया था तुमने
अब कैसे भला कोई और, ये हाँथ थाम पायेंगे
वादा किया जो, वो ताेड़ा था तुमने
अब कैसे किसी और पे, हम विश्वास जता पायेंगे
तेरा-मेरा साथ ज़िन्दगी भर का साथ है, ये कहा था तुमने
अब तेरे बिना, हम खुद के साथ भी कैसे रह पायेंगे
तेरे पैरों की वो आहटें, तेरे डुपट्टे की वो सरसराहटें
इन्हीं से तो हमारी सुबह-ओ-शाम थी
इनके बिना अब कैसे हम, अपने हर लम्हें यादगार बना पायेंगे
अब तुम्ही बताओ क्या हम जी पायेंगे ?