दीवानगी_Hindi Shayari 2019
आज देखी वो दीवानगी, जो सर चढ़कर पागलपन हो गयी पागलपन इस हद तक, कि मोहब्बत से परे हो गयी मोहब्बत थी भी, कि नहीं क्या…
आज देखी वो दीवानगी, जो सर चढ़कर पागलपन हो गयी पागलपन इस हद तक, कि मोहब्बत से परे हो गयी मोहब्बत थी भी, कि नहीं क्या…
मेरी आँखों से बहता पानी अगर ज़ाम है तो उसे ज़ाम ही रहने दो मेरी ये कहानी सरेआम ही रहने दो; कोई धोखा मिला है इस इश्क़ …
तू सामने थी मेरे, तो देख तुझे कुछ कहने का मन हुआ आँखें क्या मिली वो झुककर कदमों पे जा गिरी तो उन्हीं आँखों को तुमसे…