अक्तूबर 2019


मौसम के मिज़ाज में.. Love poetry

भाग-1 "मौसम के मिजाज में" "मौसम के मिज़ाज में सावन की बौछार पड़ी है एक धुंधला सा चेहरा है सामने जो बा…

अक्तू॰ 15, 2019
1

बाजार सज गए हैं_Hindi Poetry Diwali Par_Ankit AKP

बाजार सज गए हैं दिवाली है, सब बस इसी में रम गए हैं बाजार सज गए हैं! घर की दहलीज़ की दुकानें भी, दहलीज़ पार कर बाहर …

अक्तू॰ 14, 2019

मोहब्बत_Love Poetry

शायद वह मोहब्बत की तहज़ीब जानता है इसलिए वह अपनी मोहब्बत का सज़दा करता है शायद मोहब्बत खुदाई है वह ये जानता है इसलिए …

अक्तू॰ 11, 2019

हासिल-ए-कुन_Hindi Poetry_2019

ज़िन्दगी के बेहिसाब सिक्कों से, मैंने अपने हिसाब के सिक्के चुन लिए इन हिसाबी सिक्कों की कीमत बेहिसाब करने, न जाने मैं…

अक्तू॰ 1, 2019