मई 2020


"कविता - वो बातें याद आतीं हैं ('बचपन') "

"बातें जो पहले याद आतीं हैं फिर हंसातीं हैं और फिर, रुलातीं हैं बातें  जो बेवक्त ही  ज़हन में आतीं हैं  कभी हसीन लम्हों…

मई 20, 2020
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कविता - "सोच"

"अपनी बातों के अल्हड़पन में वो अपने जज्बातों के नन्हेंपन से रूबरू कराती है अपनी हर इक अदा में वो बा'अदब मासूमि…

मई 7, 2020
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