Holi Love Shayari 2019 "होली करीब है" / "Holi Kareeb Hai" by Ankit AKP

" होली करीब है "

होली करीब है
देखना इस होली हम खुद को भी,
तेरे करीब ले आयेंगे
जल रहा हूँ तेरे इश्क़ में कब से,
इस होली हम तुझमें भी अपने इश्क़ की खाक छान जायेंगे
होली के मिले-जुले रंगों में,
हम अपने नाम की छाप छोड़ जायेंगे 
तैयार रहना,
कि अपने रंग में तुझे हम रंगने आयेंगे ;
होली, रंगों की झोली में
संग तेरे इश्क़ का,
वो लाल गुलाल उड़ायेंगे
गुलाल लगाने के बहाने,
तेरे वो गुलाबी गाल सहलायेंगे
लड़कपन की बातों की मीठी-मीठी नोंक-झोंक में,
तुझ संग ऐसे ही कई पकवान पकायेंगे 
ये पूरी होली हम बस तुझ संग ही मनायेंगे ;
होली करीब है याद रखना 
उस दिन औरों से खुद को बचाकर रखना,
कि पहला रंग जो तुझपे चढ़ेगा, वो रंग तुझे हम लगायेंगे
तेरे सादगी भरे खूबसूरत यौवन पर रंगों का श्रृंगार लगायेंगे 
होली है, जी भर खेले और खिलायेंगे
तेरी चुनरी भिगाने हम,
तुझ पर भर-भर पिचकारी चलायेंगे
तू तैयार रहना,
कि तुझ संग ही हम लठ लड़ायेंगे;
होली करीब है 
देखना इस होली सारी दुनिया झूमेगी संग हमारे
जब तेरे संग हम प्रीत की भांग चढ़ायेंगे
तू राधा तो है ही,
तुझ संग रास रचाने हम कृष्ण बन जायेंगे
एक तरफ पूरा वृन्दावन, बरसाना तो एक तरफ राधा-कृष्ण जैसे
ऐसी ही कुछ होली देखना हम भी मनायेंगे;
एक-दूजे में रंगकर, एक-दूजे के नाम पर
ये होली अपने नाम कर जायेंगे
तू मेरी हो जायेगी, मैं तुम्हारा हो जाऊंगा 
इसी साथ को हम अपना त्यौहार कर जायेंगे;
तू साथ तो खूबसूरत लम्हों की कली होगी 
कली जो खिलकर जिन्दगी की हंसी होगी 
मैं लिपटा कोई रंग, तू चढ़ता एक रंग होगी 
इस होली जरूर कोई बात होगी
दुनिया को न सही, पर हमें जो हर जनम याद रहेगी 
इस होली ऐसी अपनी भी एक प्रेम-कहानी होगी
बस इसी प्रेम-कहानी से ये होली यादगार होगी;
पर ये सब होना अभी दूर है 
क्योंकि होली का वो दिन अभी दूर है 
डर है थोड़ा, पर फिर भी चाहे जो हो 
होली तो मैं तुझ संग ही मनाऊंगा 
बस थोड़ी कोशिश तुम भी कर लेना 
जो गुलाल लगाने को मेरे हाँथ कांपे,
तो तुम अपने गाल पास ले आना 
तुझसे जो नजर बचाते फिरूं,
तुम खुद ही मेरे सामने आ जाना
जो दबाए रक्खा है दिल में अपने इश्क़ के रंग को,
तुम इसे बिखेरने आ जाना
तुम्हें तो पता ही होगा इस इश्क़ का रंग कैसा, 
बस वही लाल रंग तुम मुझे लगाने आ जाना 
ये होली मेरी मुबारक जरूर होगी, 
बस इस होली तुम मुझसे मिलने आ जाना
इश्क़ का लाल रंग न सही,
तुम बस मुझे गुलाल लगाने आ जाना
तुम मुझसे होली मनाने आ जाना;
होली करीब है 
'गर मैं ना आ पाया 
तो तुम ही खुद को मेरे करीब ले आना
पर हाँ...! आ जाना....,
वरना मैं और मेरी कोशिश तो है ही
और कोशिश यही होगी,
कि इस बार की होली बस तुझ संग  होगी!!

_ 'अंकित कुमार पंडा'
Thanks for reading 🙏🙏

"मैं उम्मीद करता हूँ कि आपको मेरी ये रचना पसन्द आई होगी!! "
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