Love Poetry_"प्यार जो मुझ तक ही रह गया"/ "Pyaar Jo Mujh Tak Hi Rah Gaya"_Ankit AKP

"थोड़े-थोड़े लफ्जों में, 
कितना कुछ कहना रह गया 
प्यार था जो मेरा, 
वो बस मुझ तक ही रह गया
रह गया वो प्यार मुझ तक इसलिए, 
कि तुम तक आना रह गया
कहने को तो आ भी जाते,
बस हिम्मत जुटाना रह गया 
कहने को तो हिम्मत भी जुटाई, 
पर डर के सामने जरा कम रह गया;
अब क्या ही बताएं इस प्यार की दास्तान
बस इतना समझ लीजिए, 
कि प्यार तो किया इस दिल ने, 
बस इकरार करना रह गया 
आसमान में जैसे काले बादल तो छाएं, 
बस बारिश का होना रह गया 
जंगल में जैसे मोर तो नाचा, 
बस देखना रह गया 
मेरा प्यार तो बस ऐसा था,
कि ढाक के वही तीन पात सा रह गया;
सुना था कि प्यार अन्धा होता है 
पर प्यार मेरा इस कदर रहा, 
कि अन्धा था और अन्धा ही रह गया
कोशिशें सारी नाकाम रहीं 
पर मन के हारे हार है,
और मन के जीते जीत
इसी विश्वास पर प्यार अब तक जिन्दा रह गया 
हारा तो नहीं इन नाकाम कोशिशों से,
पर कोशिशों का कामयाब होना रह गया;
तू हर पल समाई रहती मेरी इन आँखों में,
बस मेरा तेरी नजरों में चढ़ना रह गया
ये प्यार है जो मुझमें तो घर कर गया,
बस इसका तेरे दिल के दरवाजे में दस्तक देना रह गया
हाँ! इस प्यार का एक नाम होना रह गया;
तुझसे ये प्यार मेरा, ईनाम है मेरा
बस एक तुझको ही जीतना रह गया 
सब कुछ हो गया तू मेरा, 
बस तुझको ये सब कुछ बताना रह गया 
हाँ! तुझको अपना बनाना रह गया!! "
_अंकित कुमार पंडा [ Ankit AKP ]
#ankitakp #lovepoetry #loveshayari #love #latestpoetry

Thanks for reading 🙏🙏 
"मैं उम्मीद करता हूँ कि आपको मेरी ये रचना पसन्द आई होगी!! "
Next Post Previous Post
2 Comments
  • Unknown
    Unknown 6 सितंबर 2019 को 7:11 am बजे

    उत्कृष्ट

  • Unknown
    Unknown 17 दिसंबर 2019 को 11:01 pm बजे

    Too gud

Add Comment
comment url