hindi Love Shayari / Poetry_दिल अब इंसान हो चला है_Ankit AKP/Hindi Love Poetry 2018

   
" दिल अब इंसान हो चला है "
मेरा दिल कुछ पाक सा हो चला है 
मुझे नहीं पता किस कदर 
पर लगता है इंसान सा हो चला है 
वो इसांन जो हर बुराई से दूर, 
और अच्छाई पर चला है 
हर सुख-दु:ख पर, 
हर किसी के साथ चला है 
इस दिल को भी ऐसा ही कुछ एहसास हो चला है 
मेरा दिल अब इंसान हो चला है ;
अभी तो ये इंसान हो चला है 
पर कैसे बताऊं कि पहले क्या था दिल ये मेरा
जानवर तो नहीं कहूंगा,
कि जब से ये दिल इंसान हो चला है 
जानवरों का हमसे पाक होना पता चला है
बस यही समझिए कि दिल मेरा,
काम, क्रोध, मोह, लोभ, अहंकार इन सब से भरा था 
जहाँ दिमाग भी जैसे हमेशा बुराई पर ही चला था;
पर अब दिल जो है, 
इन सब से दूर हो चला है 
दिमाग भी जैसे शान्त हो चला है
मुझे नहीं पता ये सब कैसे और क्यूँ हो चला है
शायद इसलिए कि इस दिल को प्यार हो चला है
वो प्यार जो हमेशा अच्छाई पर ही चला है 
और इसी प्यार के साथ चलने के लिए,
ये दिल अब उस काबिल बन चला है 
जिस काबिल ये प्यार उसको इंसान कर चला है ;
बस ये प्यार ही है, जो इस दिल को पाक हुआ है 
जिसके चलते दिमाग दिल और दिल पाक हुआ है 
बस ऐसे ही ये दिल अब इंसान हो चला है,
क्योंकि इसे किसी से प्यार हो चला है! 
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