'तेरे इश्क़ में नाचेंगे/Tere Ishq Mein Nachenge'_Hindi Poetry_Ankit AKP


मेरी आँखों से बहता पानी अगर ज़ाम है
तो उसे ज़ाम ही रहने दो
मेरी ये कहानी सरेआम ही रहने दो;
कोई धोखा मिला है इस इश्क़ में
मुझे इस असलियत से अनजान ही रहने दो
इस इश्क़ की कहानी में मुझे हंसता किरदार ही रहने दो;
पर अफ़सोस दिल टूटा है, दर्द तो होगा ही
और इस दर्द में झूठी हंसी भी रोती है
इससे अच्छा मेरी आँखों में वो छलकता ज़ाम ही रहने दो
अगर ये ज़ाम मेरे गम की निशानी है
तो इस ज़ाम को मेरे नाम ही रहने दो;
वैसे तो मैंने ज़िन्दगी में
कभी किसी ज़ाम को अपनी हलक से नीचे नहीं उतारा
पर अगर आज नशे में हूँ
तो मुझे इस नशे में ही रहने दो;
और इस नशे में डूब याद आता कोई संगीत है
'तेरे इश्क़ में नाचेंगे - तेरे इश्क़ में नाचेंगे'
बस मुझे इसी संगीत की धुन में रहने दो
मुझे अपनी उजड़ी इस इश्क़ की दुनिया में रहने दो
और हाँ...कोई दिलासा नहीं
कि मुझे इस इश्क़ में अभी जिन्दा ही रहने दो...
_'अंकित कुमार पंडा'

Thanks for reading 🙏🙏
 "मैं उम्मीद करता हूँ कि आपको मेरी ये रचना पसन्द आई होगी!! "
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