"आईना - शक्ल दिखाने आए हो?" (कविता)
"शक्ल दिखाने आए हो या देखने आए हो या मिले हैं जो निशान जख़्म के उन्हीं को अंदर तक झाँकने आए हो या तुम्हारे नाम के भ…
"शक्ल दिखाने आए हो या देखने आए हो या मिले हैं जो निशान जख़्म के उन्हीं को अंदर तक झाँकने आए हो या तुम्हारे नाम के भ…
"बातें जो पहले याद आतीं हैं फिर हंसातीं हैं और फिर, रुलातीं हैं बातें जो बेवक्त ही ज़हन में आतीं हैं कभी हसीन लम्हों…
"अपनी बातों के अल्हड़पन में वो अपने जज्बातों के नन्हेंपन से रूबरू कराती है अपनी हर इक अदा में वो बा'अदब मासूमि…
मैं आप लोगों से कुछ कहना चाहता हूँ. कहूँ क्या? अब आप हाँ कहे या न, पर मैं तो कहूँगा जो मुझे कहना है. तो मेरे मन में ऐसे ह…
"आज बेवक्त सी मोहब्बत लिए बैठा हूँ जो साथ चल रहा, उसे हमसफ़र किए बैठा हूँ " आज पता नहीं मुझे क्या हो गया है…